Gorakhpur :- लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस घर-घर जाकर शस्त्र लाइसेंस का सत्यापन कर रही है। अभी तक 17 हजार लाइसेंसियों का सत्यापन हो सका है। चार हजार से अधिक असलहाधारी रिकार्ड में दर्ज पते पर नहीं मिल रहे हैं। जिसे लेकर पुलिस परेशान है। जिले में 21759 शस्त्र लाइसेंस हैं। चार हजार से अधिक लाइसेंस धारक का कोई सुराग नहीं मिल रहा है। जिसमें अधिकांश लोग शहर क्षेत्र के रहने वाले हैं। इनके न मिलने की मुख्य वजह रिकार्ड में दर्ज अधूरा पता है।
विधानसभा चुनाव में 5600 थे गायब
2017 में हुए विधानसभा चुनाव में 5600 शस्त्र लाइसेंस धारक का पता नहीं चला था। छानबीन के बाद पुलिस ने सत्यापित हुए 16 हजार लाइसेंस धारकों के असलहे जमा कराए थे। लाइसेंस धारक अपने लाइसेंसी हथियार संबंधित थाने या किसी शस्त्र विक्रेता की दुकान पर जमा करा सकते हैं। शस्त्र विक्रेता के यहां शस्त्र जमा कराने के बाद संबंधित थाने पर भी सूचना देनी होती है। जिले में अब तक 1200 लाइसेंस धारक अपने असलहे जमा कर चुके हैं
थाने से गायब हो चुका है असलहा
गोरखपुर और सिद्धार्थनगर से थाने से असलहा भी गायब हो चुका है। सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज थाने से एके-47 और गोरखपुर के चिलुआताल थाने के मालखाने से बंदूक गायब हो चुकी है। काफी छानबीन के बाद बंदूक बरामद हो गया लेकिन एके-47 का अब तक पता नहीं चल सका है।
जुटा रहे हैं जानकारी
गोरखपुर के एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता ने कहा कि एक-एक शस्त्र लाइसेंसों का सत्यापन कराया जा रहा है। जिन लोगों के नाम थाने के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हैं, उन्हें दर्ज कराया जाएगा। जो लाइसेंसधारक नहीं मिल रहे हैं उनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
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