Gorakhpur :- भारतीय नव संवत्सर छह अप्रैल से शुरू हो रहा है। वर्ष के राजा शनि और मंत्री सूर्य होंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन दोनों ग्रहों में शत्रुता है, इसलिए इनका आपसी संघर्ष पूरे वर्ष दिखेगा। वैचारिक टकराव की स्थितियां बनेंगी। साथ ही न्यायप्रिय ग्रह शनि के राजा होने से न्याय को बल मिलेगा। ज्योतिषाचार्य पं. शरदचंद्र मिश्र, सुजीत कुमार श्रीवास्तव, नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार नया वर्ष भारतीय कैलेंडर के अनुसार छह अप्रैल से शुरू हो रहा है। इस दिन शनिवार होने से वर्ष के स्वामी शनि रहेंगे।
इसी प्रकार मेष की संक्रांति रविवार को है, अत: सूर्य को मंत्री का पद प्राप्त है। संवत्सर का नाम परिधावी है। परिधावी संवत्सर का प्रभाव ज्योतिषाचार्य शरदचंद्र मिश्र का कहना है कि टकराव की स्थितियां उत्पन्न होंगी। कहीं तेज बारिश और कहीं सूखा पड़ सकता है। अनाज आदि के मूल्यों में विशेष वृद्धि, आशंका व भय का माहौल उत्पन्न हो सकता है। धातुओं के मूल्य में गिरावट परंतु रसादि पदार्थ महंगे होंगे। शासक वर्ग जनोपयोगी निर्णय तो लेंगे परंतु उसका क्रियान्वयन सुचारु रूप से न हो सकेगा।
न्याय दिलाएंगे वर्ष के राजा शनि जबकि ज्योतिषाचार्य नरेंद्र उपाध्याय का कहना है कि शनि न्यायप्रिय ग्रह होने से अपराधियों के हौसले को पस्त करेगा और न्याय व्यवस्था को सुदृढ बनाने के लिए शासक वर्ग को प्रेरित करेगा। समाज के कमजोर वर्ग की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और वे सामाजिक न्याय की दिशा में अग्रसर होंगे। तकनीकी विकास को गति प्राप्त होगी।
वार्षिक राशिफल
मेष- आर्थिक प्रगति व भूमि संबंधी लाभ होगा।
वृष- धन, आय व संपत्ति में वृद्धि होगी।
मिथुन- संतान सुख व राजनीतिक लाभ का योग है।
कर्क- धार्मिक चिंतन, संतान की प्रगति व राजनीतिक लाभ।
सिंह- इस राशि के लोगों के के प्रशासनिक व सरकारी कार्य बनेंगे।
कन्या- शारीरिक कष्ट लेकिन आय में वृद्धि होगी।
तुला- अचल संपत्ति का लाभ मिलेगा।
वृश्चिक- आत्मबल बढ़ेगा और किसी बड़े कार्य की संभावना है।
धनु- शारीरिक कष्ट, धन की वृद्धि होगी।
मकर- शारीरिक कष्ट, धन की प्राप्ति का संयोग।
कुंभ- राजनीतिक लाभ मिलेगा।
मीन- शिक्षा व धर्म के क्षेत्र में प्रगति होगी।
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