लखनऊ/ डिजीलाकर अथवा एम-परिवहन ऐप पर उपलब्ध वाहनों के पंजीकरण दस्तावेज वैध माने जाएंगे। प्रमुख सचिव परिवहन अरविन्द कुमार ने इस संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। साथ ही परिवहन आयुक्त व डीजीपी ओपी सिंह को इसे कड़ाई से लागू करने के निर्देश भी दिए हैं।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा डिजीलाकर प्लेटफार्म या 'एम-परिवहन मोबाइल ऐप' इलेक्ट्रानिक फार्म में उपलब्ध वाहनों के दस्तावेज के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इनमें वे दस्तावेज जैसे पंजीयन प्रमाण-पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस आदि मोटर यान अधिनियम-1988 के तहत वैध माने जाएंगे। साथ ही इन दस्तावेजों को परिवहन अधिकारियों द्वारा जारी प्रमाण प्रमाण-पत्र के समतुल्य माना जाएगा।
प्रमुख सचिव अरविंद कुमार ने कहा है कि गाइड लाइन में उल्लेख किया गया है कि प्रवर्तन कार्य के समय अधिकारी कोई भी अभियोग होने की स्थिति में वाहन के डाक्यूमेंट का जब्त करना आवश्यक हो तो डाक्यूमेंट को ई-चालान सिस्टम द्वारा जब्त करें। जिससे जब्त डाक्यूमेंट की स्थिति सारथी / वाहन डाटावेस पर प्रदर्शित हो सके। किसी भी डाक्यूमेंट को जब्त करना आवश्यक नहीं होगा। प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रचार-प्रसार के अभाव में आमजन इस सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे थे। उन्होंने प्रवर्तन कार्य की गाइड लाइन के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं अधिकारियों से इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।
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