लखनऊ/ उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 11 रिक्त सीटों के लिए उपचुनाव 21 अक्तूबर को कराए जाएंगे, जबकि नतीजे 24 अक्तूबर को आएंगे। इन 11 में से 9 सीटें अभी भाजपा के खाते में है तो एक-एक सीट सपा-बसपा के पास है। ये उपचुनाव भाजपा समेत सपा और बसपा के लिए भी खासा चुनौतीपूर्ण है।
दरअसल, जहां जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार मोदी सरकार का लिटमस टेस्ट होगा, वहीं पहली बार उपचुनाव में भाग्य आजमा रही बसपा के लिए यह अस्तित्व की लड़ाई है।
इन 11 विधानसभा सीटों में से रामपुर सीट समाजवादी पार्टी और जलालपुर सीट बसपा के पास थी। बाकी की सभी नौ सीटों पर भाजपा का कब्जा था। फिरोजाबाद की टूंडला सीट का मामला न्यायालय में होने की वजह से वहां उपचुनाव की तारीख घोषित नहीं की गई है। इस सीट से विधायक रहे डॉ. एसपी सिंह बघेल अब आगरा से सांसद हैं। हमीरपुर सीट की उपचुनाव की प्रक्रिया चल रही है। हमीरपुर सीट के लिए 23 सितंबर को मतदान कराया जाना है। यह सीट भाजपा विधायक अशोक चंदेल की सदस्यता समाप्त कर दिए जाने के बाद खाली हुई है।
* विधायकों के सांसद चुने जाने से खाली हुई सीटें :--
कानपुर की गोविंद नगर सीट से विधायक रहे सत्यदेव पचौरी कानपुर, लखनऊ कैंट से विधायक रहीं डॉ. रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद, बाराबंकी की जैदपुर सीट से विधायक रहे उपेंद्र राय बाराबंकी, चित्रकूट की मानिकपुर सीट से विधायक रहे आरके पटेल बांदा, बहराइच की बलहा सीट से विधायक रहे अक्षयवर लाल गौंड बहराइच, सहारनपुर की गंगोह सीट से विधायक रहे प्रदीप चौधरी कैराना, अलीगढ़ की इगलास सीट से विधायक राजवीर वाल्मीकि हाथरस तथा अंबेडकरनगर की जलालपुर सीट से विधायक रहे रितेश पांडेय अंबेडकरनगर सांसद चुने जा चुके हैं।
प्रतापगढ़ से विधायक रहे संगमलाल गुप्त और रामपुर से विधायक रहे मो. आजम खां वहीं से सांसद से चुने गए हैं।
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