भारत के दौरे पर आए यूरोपीय संघ (ईयू) के 28 सांसदों को केंद्र सरकार ने 29 अक्टूबर को कश्मीर जाने की इजाजत दी है ..
दिल्ली। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी गलत तस्वीर पेश करने में जुटे पाकिस्तान की रणनीति कुंद करने के लिए भारत ने एक अहम फैसला किया है। भारत दौरे पर आए यूरोपीय संघ (ईयू) के 28 सांसदों को सरकार ने कश्मीर जाने की इजाजत दी है। यह दल मंगलवार को कश्मीर जाएगा और वहां के हालात का सीधे तौर पर जायजा लेगा। इन सांसदों के दल की नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से अलग-अलग मुलाकात हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने ईयू सांसदों को विस्तार से बताया कि भारत ने अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला किन परिस्थितियों में किया और किस तरह सीमा पार से संचालित आतंकवाद से निपटने के लिए यह जरूरी हो गया था।
पहली बार किसी विदेशी दल को कश्मीर जाने की इजाजत :----
यूरोपीय संघ के सांसदों में छह पोलैंड, छह फ्रांस, पांच ब्रिटेन, चार इटली, दो जर्मनी और एक-एक चेक, बेल्जियम, स्पेन और स्लोवाक के हैं। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पहली बार भारत किसी विदेशी दल को कश्मीर जाने की इजाजत दे रहा है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह ईयू सांसदों का आधिकारिक दल नहीं है बल्कि ये सांसद निजी तौर पर कश्मीर यात्रा पर जाएंगे.
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि ईयू के साथ भारत के काफी करीबी रिश्ते हैं और आने वाले दिनों में हर आयाम पर ये रिश्ते और प्रगाढ़ होने वाले हैं। ऐसे में जब वहां के कुछ सांसदों ने कश्मीर जाने का प्रस्ताव किया तो उसे स्वीकार किया गया है। साथ ही भारत यूरोप में पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर को लेकर चलाए जा रहे दुष्प्रचार से भी चिंतित है और मानता है कि यह यात्रा उस दुष्प्रचार को बेनकाब करने के लिए अहम साबित होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इन सांसदों के साथ अपनी मुलाकात में पड़ोस की तरफ से कश्मीर के हालात खराब करने के लिए चलाए जा रहे दुष्प्रचार का परोक्ष तौर पर जिक्र किया।
Comments
Post a Comment