लक्ष्मीपुर से पवन मद्धेशिया
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महराजगंज जनपद के लक्ष्मीपुर विकास खंड के ग्राम पंचायत बेलवा बुजुर्ग में दूसरे दिन कथा को आगे बढाते हुए वाराणसी से आए कथा वाचक पं दुर्गा प्रकाश मिश्र कहा कि भक्त प्रहलाद को हिरण्यकश्यप ने कई बार दंडित किया। फिर भी वह भगवान विष्णु की भक्ति से विमुख नहीं हुए। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान था कि आग से नहीं जलेगी। इसके जरिए हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को जान से मारने की योजना बनाई और एक समारोह का आयोजन किया। इसमें नाचते-गाते होलिका, प्रहलाद को लेकर आग में बैठ गई। आग की लपटों से होलिका जलकर राख हो गई और भक्त प्रहलाद विष्णु का जाप करते हुए वहीं बैठे रहे। उनके बदन पर आग की लपट तक नहीं लगी। इस बात का पता जब हिरण्यकश्यप को चला तो उसने खुद तलवार निकालकर प्रहलाद का वध करना चाहा। इस पर भगवान विष्णु नरसिंह का रूप लेकर प्रकट हुए और हिरण्यकश्यप को अपने जंघा पर लिटाकर उसका वध कर दिया। इसके बाद वातावरण स्वच्छ हो गया। दानवों ने प्रहलाद को राजा मानने से इंकार कर दिया क्योंकि वे उनको पिता का कातिल मानते थे। इस पर भगवान विष्णु ने दानवों को पंचायत में बुलाया और प्रहलाद को पुत्र माना तब लोगों ने एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाया। तभी से होली पर्व मनाया जाने लगा।मुख्य यजमान शिव विभूती नरायण त्रिपाठी ने कथा के पूर्व भगवान विष्णु का पूजा अर्चन किया।इस दौरान विजयशंकर मणि त्रिपाठी,ध्रुनरायन चौरशिया,रविन्द्र पाठक,श्रवण चौरशिया,वैद्यनाथ चौरशिया,अनिरूद्ध चौरशिया,रविन्द्र चौरशिया,प्रशांत तिवारी,संजय तिवारी सहित काफी लोग मौजूद रहे।
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