ललाइन पैसिया से श्रीनरायन गुप्ता
आज ही का शुभ दिन जब पहला हिन्दी अखबार छपा,
हिन्दी भाषी लोगों में जब जुगुल किशोर का प्यार छपा।
हिन्दी पत्रकारिता दिवस की हिन्दी जगत् को बहुत बधाई,
हिन्दी के दुर्दिन काल में तब हिन्दी का सूरज दिया दिखायी।
पराधीन उस काल खण्ड में जन-जन का उद्गार छपा।
....... तीस मई अट्ठारह सौ छब्बीस हिन्दी का परचम लहराया,
"उद्दन्त मार्तण्ड " नाम पड़ा साप्ताहिक अखबार छपवाया।
भ्रष्ट, क्रूर, व्यभिचारी, हिंसक अंग्रेजों का अत्याचार छपा।
....... कोटि-कोटि नमन करता हूँ लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ का,
उस सत्य के सत्यार्थी का प्रहरी, अन्वेषक आलम्ब का।
विचार विनिमय सफल हुआ, स्वतंत्रता का संचार छपा।.
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