थप्पड़बाज़ थानेदार के कृत्यों के कारण क्षेत्र में हो रही पुलिस की किरकिरी, कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल
संवाददाता विनोद कुमार द्विवेदी की रिपोर्ट
कोल्हुई पुलिस का एक गंभीर वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है जिसमे थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार सिंह का शर्मनाक करतूत सामने आया है जहा थानाध्यक्ष ने एक वृद्ध महिला पर थप्पड़ व लात घुसो से प्रहार कर दिया और दूसरे पक्ष के लोगो से चप्पल से पिटवाया जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाये गए महिला शक्ति अभियान पर जोरदार तमाचा है। उक्त वायरल वीडियो में महिला ने थानाध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए भावुकता के साथ पूरी दास्ता सुनाई वही उसने बयान देते हुए बताया की उसका नाम संतोला देवी पत्नी रामकेवल स्थानीय थाना क्षेत्र के राजपुर बुजुर्ग गांव की निवासिनी है, बीते दिनों उसका और उसके देवरानी मुलुरी पत्नी रामबेलास से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गयी और दोनों को थाने लायी जबकि थानाध्यक्ष ने बिना उसकी बात सुने उसको भद्दी भद्दी गालियां देने लगे तथा दीवाल से धकिया कर उसे थप्पड़ मारे जिससे वह बुरी तरह से क्षुब्ध है। ज्ञात हो एक तरफ जिले के तेज तर्रार व गरीबो के मसीहा कहे जाने वाले पुलिस कप्तान प्रदीप गुप्ता कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रखने व महिलाओं के सुरक्षा,सम्मान व सशक्तीकरण के लिए दिन रात मेहनत कर रहे है। वही दूसरी तरफ महिलाओं के साथ अभद्रता करने वाले थप्पड़बाज़ थानेदार कोल्हुई उनकी छवि को धूमिल करने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है। बड़ा सवाल यह है कि क्या सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के महिला सशक्तिकरण के तहत बनाये गए नियम- कानून को थानाध्यक्ष ने तार तार नही किया, क्या मानवधिकार के नियमो को ठेंगा नही दिखाया , अगर महिला दोषी है। तो क्या एक पुरूष थानेदार को उसको थप्पड़ मारने का अधिकार शासन ने दिया है,फिलहाल उक्त प्रकरण में थानेदार ने सफाई देते हुए बताया कि दोनो पक्ष के विरुद्ध धारा 151/107//116 के तहत कार्यवाही की गई है वही महिला द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद व निराधार है। अब दिलचस्प यह है कि आगे महिला द्वारा लगाए गए आरोप को किस हद तक शासन प्रशासन द्वारा गंभीरता से लेकर निष्पक्ष जांच किया जाता है और क्या कार्यवाही की जाती है।
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