वनाधिकारी के कार्य प्रणाली पर उठाए सवाल कहा : कुछ जनप्रतिनिधियों को खुश करने के चक्कर में वन तस्करों की कठपुतली बन गए हैं डीएफओ
सोहगी बरवां वन्यजीव प्रभाग के वन क्षेत्र लक्ष्मीपुर में बीते दिनों वनाधिकारी द्वारा जांच किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर चल रही खबरों को लेकर विधान सभा नौतनवां के चर्चित समाजसेवी हरिकेश चंद्र पाठक ने वनाधिकारी की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह कुछ चिन्हित जनप्रतिनिधियों को खुश करने की कोशिश में वन तस्करों की कठपुतली बन गए है।
कहा कि कुछ माह पूर्व टेढ़ी बीट से पीकप समेत अवैध कटान की लकड़ी बरामद हुई थी। जिसमें आरोपी चिल्ला - चिल्ला कर कुछ वनकर्मियों समेत लक्ष्मीपुर वन क्षेत्र के अवैध कटानों के मास्टर माइंड एक तथाकथित वाचर का नाम लेता रहा। जिसका वीडियो भी तमाम पत्रकारों के पास है। जिसकी जांच के लिए बीते 25 अक्टूबर 2021 को पत्र भेज जांच कर कार्रवाई की मांग की गई थी। लेकिन अवैध कटान के करीब आधा दर्जन मुकदमों में संलिप्त उस तथाकथित वाचर के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो में डीएफओ उसी तथाकथित वाचर तथा पहले से अवैध कटान के तमाम मुकदमों में संलिप्त लोगों को लेकर जांच पड़ताल करते नजर आ रहे हैं। जबकि डीएफओ भली-भांति जानते हैं कि असल खेल क्या है ? लेकिन वह तो उन जनप्रतिनिधियों को खुश करने की कोशिश में जुटे हैं, जो वन तस्करों के संरक्षण में उनके खास पैरोकार बने हुए हैं।
श्री पाठक ने बताया कि इन दिनों वन कर्मियों की सख्ती के चलते वन तस्करों पर लगाम लगने लगा है। जिससे बौखलाए कुछ वन तस्कर स्वयं कटान कराते हैं फिर अधिकारियों के साथ जंगल में जाकर जांच भी कराते हैं। क्योंकि उन्हे इसकी बखूबी जानकारी जो रहती है। वहीं पर्दे के पीछे से वन विभाग के लिए नासूर बन चुका तथाकथित वाचर इन सभी कारनामों को बखूबी अंजाम देता है।
अंत में श्री पाठक ने कहा कि अगर डीएफओ वास्तव में अवैध कटान रोकना चाहते हैं तो किसी जनप्रतिनिधि व तथाकथित वाचर एवं वन तस्करों की कठपुतली बने बिना अपने स्वयं के नेतृत्व में निष्पक्ष जांच करें। ताकि असली दोषियों पर कार्रवाई हो सके, जिससे वन कर्मी तथा वन तस्करों के सह मात के खेल में हो रहें अवैध कटान पर अंकुश लग सके।
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