लक्ष्मीपुर से श्रीनरायन गुप्ता की रिपोर्ट
शनिवार को लक्ष्मीपुर स्वास्थ्य मेला में मंच पर अगली लाइन में जगह न मिलने पर जिला पंचायत रामसेवक जायसवाल अचानक ही भड़के, तो कुछ देर के लिए अफरा तफरी का माहौल हो गया। मामला बढ़ता देख केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक कुर्सी अलग से मंगवाकर बैठा कर मामला शांत तो करा दिया। लेकिन आगे लगी भीड़ की चर्चाओं ने भाजपा के कई पुराने चेहरों से नकाब हटा दिया। जिसमें रामसेवक जायसवाल का भी खूब चर्चा हुआ। हालांकि नाराजगी की वजह कुछ और ही था। उन्हे लग रहा है कि जब से विधान सभा का चुनाव हुआ है। ॠषि त्रिपाठी के विधायक बनने के बाद उनको स्थान नही मिल रहा है।मिले भी कैसे इस चुनाव में गिने चुने भाजपाई साथ रहे है। जबकि अधिकांश पुराने भाजपाई लोगो ने अंदर खाने से जमकर विरोध किया।
कुछ भाजपाई जो अलग ही अपनी राग चलाते दिखे जिसे प्रत्क्षदर्शियो की माने तो यह भी उसी मे से एक है।चुनाव के दौरान झंडा भाजपा का वोट सपा के लिए मागने की शिकायत आ रही थी।इसमें केवल यह एकलौते नेता नही है।बाप भाजपाई और बेटा सपाई ऐसे नेताओ की फौज लंबी है। लोगों का मानना है कि चुनाव के दौरान विधायक नौतनवा ॠषि त्रिपाठी को पल पल की खबर रहती थी। कोई गृहमंत्री को कला झंडा दिखाने की बात कर रहा था। तो कुछ के बेटे सपा का प्रचार कर रहे थे। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण फोटो आडिओ विडीओ तमाम लोगों के पास है। विधायक चुने जाने के बाद ऐसे लोग सबसे पहली सीट पर बैठने की बात करते है। शनिवार को स्वास्थ्य मेला में तो हद ही हो गया। इधर जिला पंचायत सदस्य खरी-खोटी सुना रहे थे तो मंच के आगे खड़े कार्यकर्ता जम कर लताड़ रहे थे, कि बेटा सपा का प्रचार कर रहा था।इनको पहली कुर्सी चाहिए। भीड़ की चर्चाओं पर गौर करें तो आलम यह था कि बीते विधान सभा चुनाव में रामसेवक जायसवाल खुद भाजपाई होने का दावा करते घूम रहे थे। जबकि उनका बेटा सपा का प्रचार कर रहा था। वहीं कार्यक्रमों में अक्सर वित्त मंत्री के बगल की कुर्सी पर दिखने वाले पूर्व जिलाध्यक्ष समीर त्रिपाठी का भतीजा गृहमंत्री का काला झंडा दिखा रहा था।
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