लक्ष्मीपुर से श्रीनरायन गुप्ता
स्थानीय बीआरसी सभागार में निपुण भारत मिशन के तहत आयोजित छर दिवसीय प्रशिक्षण चौथे बैच के चौथे दिन शनिवार को बच्चों के भाषा कौशल विकसित करने पर विस्तार चर्चा हुई। प्रशिक्षण में शिक्षकों को बताया गया कि वह छात्र छात्राओं के बुनियादी शिक्षा पर जोर देते हुए उनका बौद्धिक विकास किया जाए।
प्रशिक्षण में शामिल शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए खण्ड शिक्षा अधिकारी लक्ष्मीपुर अगनित कुमार ने बताया कि निपुण भारत के तहत बच्चों की सीखने की जरूरतों को पूरा करना है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को बुनियादी भाषा के विकास के लिए हर बच्चे की साक्षरता और संख्यात्मक कौशल पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि उन्हें बेहतर पाठकों और लेखकों के रूप में विकसित करने में मदद मिले। इस तरह निपुण भारत ने बुनियादी चरण में ही सीखने के अनुभव को समग्र, एकीकृत, समावेशी, सुखद और आकर्षक बनाने की परिकल्पना की है। निपुण भारत अभियान के तहत शिक्षकों की सघन क्षमता निर्माण से उन्हें सशक्त बनाया जाएगा और अध्यापन कला चुनने के लिए अधिक स्वायत्ता प्रदान की जाएगी। साथ ही बच्चे तेजी से सीखने की गति हासिल कर सकेंगे, जिसका बाद में रोजगार पर सकारात्मक प्रभाव हो सकता है। वहीं, शारीरिक और सामाजिक - भावनात्मक विकास, साक्षरता और संख्यात्मक विकास, संज्ञानात्मक विकास, जीवन कौशल आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके बच्चे का समग्र विकास प्रगति कार्ड में परिलक्षित होगा।
इस अवसर पर प्रशिक्षक ने बताया कि सुनील चंद शुक्ल, आदित्य नरायन सिंह, महेंद्र सिंह व तहेंद्र सिंह, मृत्युंजय मिश्रा, सुनील कुमार, संजय कुमार, गरिमा सिंह, जमशेर आलम, प्रमोद कुमार पटेल, रविंद्र पाण्डेय, प्रकाश चंद्र, जयदयाल प्रजापति, शिवराम, बीरेंद्र, श्याम बहादुर उपस्थित रहे।
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