लक्ष्मीपुर रेंज में माफियाओ ने काटे छ पेड़ सागौन व साखू सरदर में चार सागौन तो अचलगढ में दो साखू के पेड़ काटे य
लक्ष्मीपुर से पवन मद्धेशिया
लक्ष्मीपुर वन क्षेत्र में हो रही कटान रोकने में वन विभाग पूर्ण रूप से असफल साबित हो रहा है। वन माफिया बिना रोक टोक के कटान कर रहे हैं। तस्करों का मनोबल इस कदर बढ़ गया है कि वन कर्मी भी जंगल में जाने से भरसक कतराते हैं। दिखाने के नाम पर वन कर्मी कभी तस्करों को पकड़ने के लिए जंगल में छापामारी करती भी हैं।वन तस्करों के फरार हो जाने के बाद ही वन कर्मी मौके पर पहुंच पाते हैं।
मंगलवार व बुधवार की रात्रि रेंज के सदर बीट में सौ मीटर के अन्दर चार सागौन तो अचलगढ बीट सौ मीटर में दो पेड़ साखू लकड़ी की कटा कर कुल छ पेड़ काट कर उठा ले गए।यह सूचना वन विभाग के लोगो दूसरे दिन सुबह जंगल में जलौनी के लिए गए लोगो के द्वारा वन विभाग को जानकारी हो पाई।तब जाकर विभाग की कुम्भकर्णी नीद से उठा तो बसंतपुर के छापामारी किया।जहा एक नहर से मात्र तीन बोटा सागौन बरामद कर इति श्री कर लिया।
ऐसे तो विरान हो जाएगा जंगल
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सोहनी बरवा वन्यजीव प्रभाग का लक्ष्मीपुर रेंज में कभी लोग पार नही हो पाते थे।लेकिन वन विभाग व माफियाओ के मिलीभगत से आज जंगल खलिहान में परिवर्तित हो गया है।लगता है कि जंगल अब विरान हो जाएगा।जिसका पूरा श्रेय वन विभाग के कर्मचारियों को जाता है।
पत्ता तोड़ने बालो से तीस हजार तक होती है वसूली
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लक्ष्मीपुर वन कर्मियो की बात करे तो आम लोगो में इतना भय दिखाया गया।जिससे सामान्य लोग सदमे में आ जाए।लोगो माफियाओ व वनकर्मियों की शिकायत न कर सके जिसका उदाहरण मुड़ली व मझौली के लोगो से बकरी के लिए पत्ता तोड़ने वालो से मोटी रकम वसूली गई थी।जिसकी शिकायत पूर्व विधायक को प्रभागीय वनाधिकारी से करना पड़ा था।
क्या कहते वन संरक्षक गोण्डा
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लक्ष्मीपुर वन रेंज में सागौन व साखू के पेड़ों के कटान के संदर्भ में जब प्रभागीय वनाधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया।फोन नही उठा जिसके बाद वन संरक्षक गोण्डा एपी सिन्हा ने बताया मामला संज्ञान में नही है।जांच कराकर कड़ी कार्रवाई किया जाएगा।
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