स्वतंत्रता संग्राम : महराजगंज" पुस्तक का महोत्सव में हुआ विमोचनसंस्कृति विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के संरक्षण में डा अरूण त्रिपाठी द्वारा लिखी गई पुस्तक
लक्ष्मीपुर से श्रीनरायन गुप्ता
आजादी के अमृत महोत्सव पर डा अरुण त्रिपाठी द्वारा लिखी गई पुस्तक महराजगंज स्वतंत्रता संग्राम आजादी की गाथा का लोकार्पण किया गया।महराजगंज महोत्सव कार्यक्रम में उड़ीसा के महंत योगी स्वामी शिवनाथ द्वारा पुस्तक का विमोचन किया।इस दौरान उन्होंने कहा कि दशको तक देश की आजादी के लिए संघर्ष किया।नई पीढी को उनके संघर्ष से प्रेरणा लेना चाहिए।
उत्तर प्रदेश सरकार व दिल्ली के संयुक्त प्रकाशन में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ द्वारा यह पुस्तक आजादी के आंदोलन में महराजगंज के योगदान को रेखांकित करती है। डॉ त्रिपाठी ने सम्यक् अध्ययन एवं शोध के उपरांत इस पुस्तक को लेखनीबद्ध किया है। पुस्तक में उल्लेख है कि 1857 ईस्वी में स्वाधीनता संग्राम में महाराजगंज जनपद के अंतर्गत आने वाले निचलौल के राजा राहुल सेन ने कंपनी शासन को काट फेंकने के लिए जीवन के अंत तक संघर्ष किया था यहां तक कि उन्हें अपनी रियासत भी गंवानी पड़ी। इस जनपद के स्वतंत्रता सेनानियों में प्रो शिव्वनलाल सक्सेना जो की गोरखपुर सडयन्त्र काण्ड के मुख्य एवं प्रथम आरोपी थे तथा सुधा बिन्दु त्रिपाठी जो की गुमनाम क्रांतिकारी थे ,उनके भी रहस्य से पर्दा उठाया गया है।संपूर्णता में यह ग्रंथ महाराजगंज के स्वतंत्रता संघर्ष के कई अनछुए पहलुओं को भी उजागर करता है तथा अनेक ऐसे क्रांतिकारियों के जीवन पर भी प्रकाश डाला है जो अभी तक हमें पुस्तकों में नहीं प्राप्त होता है।
आठ अध्यायों में विभक्त इस पुस्तक में महराजगंज के भौगोलिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ उसके नामकरण पर भी प्रकाश डाला गया है।महराजगंज में घटित हुई स्वतंत्रता संघर्ष की सभी घटनाओं के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, शहीदों के योगदान को रेखांकित करता हुआ यह पुस्तक स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित प्रमुख ग्रामों और उनके स्मारकों तथा आजादी के पश्चात महराजगंज में विशिष्ट कार्य करने वाले लोगों के बारे में भी इस पुस्तक में वर्णन किया गया है।
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