श्रीनरायन गुप्ता लक्ष्मीपुर
अबकी होली में आइब जरूर गोरिया,
तोहसे रँगवा छोडाइब जरूर गोरिया।
सरसों क फुलवा त झरि गइल होई,
रेड़वा क पेड़वा त गड़ी गइल होई।
तोहके फगुआ सुनाइब जरूर गोरिया..............
धानी रंग चूनर लाइब लाल रंग चोली,
अंग-अंग लागी-लागी खेलब हम होली।
तोहसे बुकवा लगवाइब जरूर गोरिया।.............
घरवां बड़ेर पर बोली जब कउवा,
तब जानि जाये आइब हम गउवां।
तोहसे गोझिया बनवाईब जरूर गोरिया।......
छोटके लरिकवा के नरखा ले आइब,
बड़के के खातिर ए गो जाँघिया ले आइब।
तोहके झुमका ले आइब जरूर गोरिया।...........
अबकी होली में आइब जरूर गोरिया,
तोहसे रँगवा छोडाइब जरूर गोरिया।
मौलिक रचना-
डॉ० प्रभुनाथ गुप्त ' विवश '
(राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त)
प्र० प्र० अ० उच्च प्राथमिक विद्यालय बेलवा खुर्द, लक्ष्मीपुर, महराजगंज
मो० 9919886297
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