प्रोफेसर डा आरसी चौधरी को पद्मश्री मिलने पर ससुराल सोन्धी में मनी जश्न 22 अप्रैल को राष्ट्रपति महामहिम के हाथो पद्मश्री से हुए सम्मानित
लक्ष्मीपुर से श्रीनरायन गुप्ता
भारत सरकार द्वारा 22 अप्रैल को पदमश्री सम्मानित समारोह में कालानमक धान व चावल पर विशेष योगदान निभाने पर कृषि बैज्ञानिक प्रो डा राम चेत चौधरी को कृषि में अग्रणी भूमिका निभाने पर पद्मश्री दिए जाने पर लक्ष्मीपुर के सोन्धी में उनके ससुराल डा ओमप्रकाश चौधरी के यहा जश्न मनाया गया।
संतकबीर नगर के ग्राम झिगरा निवासी कृषि बैज्ञानिक डा आरसी चौधरी द्वारा अबतक कुल कलानमक चावल अलग अलग प्रजाति पर पचास पुस्तक उत्तर प्रदेश सरकार ने मान्यता दिया है।इन्होने कलानमक की नई प्रजाति को इजाद कर पैदावार को दोगुना कर दिया।रामचेत चौधरी को इन प्रजातियो के संरक्षण एव संवर्धन की प्रेरणा हरित क्रांति के जनक डा एम एस स्वामीनाथन से मिली थी।स्वामीनाथन के मार्गदर्शन में केलानम की बारिकियो सीखा था।यह गोविन्द बल्लभ पंथ कृषि एव तकनीक विश्विद्यालय में दस वर्ष शैक्षिक कार्य और डा राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय पूसा विहार में पांच वर्ष सेवा देने वाले चौधरी संयुक्त राज्य संघ के साथ चालिस से ज्यादा देशो में कृषि क्षेत्र में सेवा दिए है।इनके सर्वोपरि योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने पद्मश्री से महामहिम राष्ट्रपती जी द्वारा सम्मानित किया।लक्ष्मीपुर के किसान डा ओमप्रकाश चौधरी बताते है कि उनके मार्गदर्शन में बहुत कुछ सीखने का मौका मिला है।जिसे लेकर पूर्व विधायक अमन मणि त्रिपाठी,राघवेन्द्र राय,विरेन्द्र चौरशिया,गणेश गुप्ता,अशोक पांण्डेय,झिनकू चौबे,निजाम खां,अमीरूल्ला सहित दर्जनो लोगो ने बधाई दिया है।
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