लक्ष्मीपुर से श्रीनारायन गुप्ता
स्वास्थ विभाग की विफलता देखना है तो महराजगंज जनपद तो साफ दिख रहा है।यहा हर चौराहे पर मौत का अस्पताल खुला जिसका मददगार झोलाछाप चिकित्सकों का स्वास्थ्य विभाग बना हुआ है।यदि निजी अस्पतालों में मौत की बात करे तो लिस्ट लंबी है।मोहनापुर के बवाल अभी शांत भी नही हुए फरेन्दा में एक निजी अस्पताल में मौत हो गया।हो भी क्यो ना जब स्वास्थ्य विभाग ही इन अप्रशिक्षित चिकित्सकों का मददगार बना हुआ है।यदि निजी अस्पतालो में कोई कार्रवाई होती भी है तो दूसरे दिन वही जिम्मेदार अस्पताल संचालन को नए तरीके बताकर उनको प्रशिक्षित कर देते है।और मोटी रकम खीचने का रास्ता बना लेते है।
वही अडडा बाजार में तो हद हो गया सीज अस्पताल में धडल्ले से बैक डोर से सिजेरियन हो रहा है।इसका मानीटरिंग जनपद के एक स्वास्थ्य विभाग उच्चाधिकारी खुद कर रहा है।यदि कोई सवाल उठाता है तो उस अवैध अस्पताल की पैरवी खुद स्वास्थ्य विभाग का अधिकारी करने लगता है।सिजेरियन को सामान्य बताकर पल्ला झाड़ लेता है।वही सवाल खड़ा होता है यदि सामान्य प्रशव होना ही था तो निजी अस्पताल क्यो भेजा गया।जबकि सरकारी अस्पताल पर डिलेवरी सेंटर बना है।वहा प्रशव कराया जाता है।इस पर किसी अधिकारी के पास उत्तर नही था।ऐसे अस्पतालो की सूची कम नही है।लक्ष्मीपुर,मोहनापुर,पुरन्दरपुर, रानीपुर अल्फा अस्पताल समरधीरा में भी लिस्ट अवैध अस्पताल स एक्सरे सेंटरों की कमी नही है।जहा स्वास्थ्य विभाग के मिलीभगत से जोरो से अवैध धंधा फल फूल रहा है।
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