लक्ष्मीपुर से श्रीनारायन गुप्ता
स्वच्छ भारत मिशन प्रहरी माने जाने वाले सफाई कर्मी अब गांवों अब वर्दी में नजर आएंगे।उनके पास झाड़ू,फावड़ा,ब्लीचिंग पाउडर के साथ कूड़ा फेंकने के लिए छोटी ठेलिया भी होंगी।
बीडीओ मृत्युंजय यादव ने स्वच्छता की इस अहम कड़ी को अलग पहचान दिलाने और संसाधनों से पूर्ण करने की कार्ययोजना को बुधवार मूर्तरूप दे दिया।स्वच्छ भारत मिशन और जिला पंचायती राज विभाग के सहयोग से जिलाधिकारी के निर्देश पर लक्ष्मीपुर ब्लाक मे तैनात 129 सफाईकर्मियों को ड्रेस,फावडा सहित अन्य सफाई समाग्री व उपकरण वितरित किया गया।जहां शहर और नगर पंचायत की सड़कों पर भले ही रोजाना सफाई हो जाती हो,लेकिन कम गांव ऐसे होंगे जहां सफाईकर्मी सुबह-शाम गांव की सड़कों और गलियों को साफ करता हो।गांवों में फैली गंदगी कई बार जल और जीवाणु जनित रोगों का कारण भी बनता है।गांव में सफाई व्यवस्था को चुस्त और दुरुस्त रखने के लिए बड़े पैमाने पर सफाईकर्मियों की भर्ती होने के बावजूद इसके गांव की सफाई व्यवस्था में व्यापक सुधार नहीं हो सका।जहां ग्रामीणो की अक्सर शिकायते व सफाईकर्मियों को न पहचानने की समस्याओं से काफी हद तक निजात मिल जायेगी।ग्रामीणों की अक्सर गांव में नियमित सफाई न होने की शिकायत रहती है।ग्रामीण यहां तक कहते हैं कि वह अपने सफाई कर्मी को पहचानते तक नहीं हैं।उधर, सफाई कर्मियों का कहना रहता था कि वह तो गांव में ही रहते हैं, अब कोई नहीं पहचान पाता है तो उसमें उनका क्या दोष है। यही नहीं सफाई कर्मियों का कहना था कि उनके पास सफाई के लिए न तो झाड़ू होती है न ही तसला, कूड़ा फेंकने के लिए गांव में ठेला तक नहीं होता है। ब्लीचिंग पाउडर न मिलने से वह इसका छिड़काव नहीं कर पाते।
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